जब थे दिन बचपन के, वो थे बहुत सुहाने पल, उदासी से न था नाता, गुस्सा तो कभी न था आता, हैप्पी बाल दिवस |
अचकन में फूल लगाते थे, हमेशा ही मुस्कुराते थे, बच्चों से प्यार जताते थे, चाचा नेहरू प्यारे थे |
आज का दिन है बच्चों का, कोमल मन का और कच्ची कलियों का, मन के सच्चे ये प्यारे बच्चे, चाचा नेहरु को हैं प्यारे बच्चे, हैप्पी बाल दिवस |
बचपन में सबसे अधिक पूछा, गया एक सवाल, बड़े होकर क्या बनना है, अब जाकर जवाब मिला कि, फिर से बच्चा बनना है, बाल दिवस की बधाई |
बचपन के दिन भुला ना देना, आज हंसे कल रुला ना देना, इचक दाना -पिचक दाना दाने उपर दाना, कितना प्यारा था बचपन मस्ताना |
चाचा जी के हम है बच्चे प्यारे, माँ-बाप के राज दुलारे, आ गया है चाचा जी का जन्मदिवस, आओ मिलकर मनाये बाल दिवस, बाल दिवस की शुभकामनाएं |
बचपन है ऐसा खजाना, आता है न जो दोबारा, मुश्किल है इसको भुलाना, वो खेलना कूदना और खाना, मौज मस्ती में बलखाना |
खबर ना होती कुछ सुबह की, ना कोई शाम का ठिकाना था, थके हार कर आना स्कूल से, पर खेलने तो जरूर जाना था |
हम है इस भारत के बच्चे, हम नहीं है अकल के कच्चे, हम आसू नहीं बहाते है, क्योकि हम है सीधे सरल, और सच्चे |
बच्चों दुनिया के सबसे मूल्यवान, संसाधन होते है और ये, आने वाले कल के लिए एक, सर्वश्रेष्ठ आशा होती है |